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संक्षिप्त इतिहास
सन् 1885 में दक्षिण मराठा रेलवे के अंतर्गत मीटर गेज के डिब्बों के अनुरक्षण हेतु हुबलीमें सवारीडिब्बा मरम्मत कारखाना की स्थापना की गई। सन् 1919 में कारखाने को मद्रास और दक्षिण मराठा रेलवे के नियंत्रण में लाया गया।स्वतंत्रता के पश्चात, रेलों के पुनर्गठन के समय, सन् 1951 में हुबली कारखाने को दक्षिण रेलवे के नियंत्रण में लाया गया। अक्तूबर 1966 में कारखाने को दक्षिण मध्य रेलवे के नियंत्रण में और अप्रैल 2003 से दक्षिण पश्चिम रेलवे के अंतर्गत शामिल किया गया।
वर्ष 1995-96 के दौरान मीटर लाइन से बडी लाइन में आमान परिवर्तन का कार्य 18 करोड रुपयों की लागत से संपन्न किया गया।हुबली कारखाने में अब बड़ी लाइन सवारीडिब्बों की आवधिक मरम्मत / सवारीडिब्बों की मध्यवर्तीय मरम्मत / नवीनीकरण कार्य, बोगी फ्रेमों का, बीवीझेडआई मालडिब्बों का विनिर्माण और सवारी व मालडिब्बा डिपो और डीज़ल शेड के लिए पहिया सेटों की आपूर्ति का कार्य पूरी तत्परता से किया जा रहा है।
हुबली कारखाने की वर्तमान गतिविधियाँ (आर एस पी कार्य सहित)
कारखाने की वर्तमान प्रमुख गतिविधियाँ निम्नप्रकार हैं :-
-सभी प्रकार के बड़ी लाइन सवारीडिब्बों की आवधिक मरम्मत (पीओएच)।
-सवारीडिब्बों का नवीनीकरण।
-सवारीडिब्बों की मध्यवर्तीय मरम्मत (आई ओ एच)।
-विभिन्न प्रकार के बोगी फ्रेमों का विनिर्माण- जैसे, आई सी एफ, एयर स्प्रिंग सस्पेंशन (ए एस आर) और हाईब्रिड।
-अन्य बोगी पुर्जों जैसे बोल्स्टर और एल एस बीमों का विनिर्माण।
-बी वी झेड आई मालडिब्बों का निर्माण।