कोचिंग परिचालनः
·दक्षिण पश्चिम रेलवे पर तीन मुख्य कोचिंग टर्मिनल हैं। ये बेंगलूरु, मैसूर और गोवा में हैं। हुबली स्टेशन वर्तमान में केवल एक पास थ्रू स्टेशन है। बहरहाल ये सभी मुख्य टर्मिनल संतृप्त हो गए हैं।
· बेंगलुरूः
क)बेंगलूरु स्टेशनों के साथ-साथ अनुरक्षण सुविधाओं का अत्यधिक दोहन होने के कारण बेंगलूरु में और किन्ही गाड़ियों को टर्मिनेट किया जा सकता है और न ही अनुरक्षण।
·ख) इस समस्या का समाधान के लिए यशवंतपुर में एक नया टर्मिनल विकसित किया गया है। इसके प्रथम चरण का कार्य पूरा हो चुका है और उसे प्रारंभ किया गया है। अंतिम चरण का कार्य को मंजूरी मिल चुकी है और उसे पूरे किया जाना बाकी है। बहरहाल यशवंतपुर में अंतिम चरण की क्षमता भी भविष्य में बेंगलूरु की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
मैसूरः
· मैसूर स्टेशन, जो एक छोटा-सा स्टेशन है, का भी पूरी तरह उपयोग किया जा चुका है। प्लेटफार्म लाइन की क्षमताओं को भी बढ़ाना है। अनुरक्षण सुविधाओं में भी सुधार करने की आवश्यकता है। मैसूर-चामराजनगर आमान परिवर्तन के भाग के रूप में इन सभी आवश्यकताओं को मूर्तरूप में लाने की योजना बना दी गई है और कार्य किए जा रहे हैं।
हुबलीः
· अब हुबली क्षेत्रीय रेल का मुख्यालय बन गया है, इसलिए कोचिंग सुविधाओं में महत्वपूर्ण सुधार किए जाने हैं। वर्तमान में प्लेटफार्मों और अनुरक्षण सुविधाएं दोनों सीमित हैं।
· अब नवलूर में एक गूड्स टर्मिनल बनाने की योजना बनाई गई है। इसके बनने के साथ ही हुबली में स्थित गूड्स सुविधाओं को धीरे-धीरे बंद किया जा सकेगा और खाली हुई जगह का इस्तेमाल उचित कोचिंग टर्मिनल के विकास के लिए किया जाएगा।