यात्री सुविधा
क) 01.07.2004 से दक्षिण पश्चिम रेलवे की महत्वपूर्ण गाड़ियों की एस्कॉर्टिंग की जा रही है। इन गाड़ियों की एस्कॉर्टिंग रेसुब के चार सशस्त्र जवान करते हैं। इन एस्कॉर्टिंग जवानों को यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने और सुरक्षा संबंधी सहायता देने के लिए तैयार किया गया है।
ख) पहुंच नियंत्रण
यात्रियों और यात्री क्षेत्र को बेहतर सुरक्षा प्रदान करने की एक पहल के रूप में निम्नलिखित महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों पर 01.07.2004 से पहुंच नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं।
पहुंच नियंत्रण चालू किए जाने से असामाजिक तत्वों का रेल परिसरों में प्रवेश सीमित हो गया है, इससे रेलों पर अधिक अपराध मुक्त वातावरण देना संभव हो पाया है।
1) बेंगलूरु शहर 2) बंगारपेट 3) व्हाइटफील्ड 4) कृष्णराजपुरम
5) बेंगलूरु छावनी6) हिंदपुर7) यशवंतपुर8) तुमकूर9) यलहंका
10) धर्मपुरी11) हुबली12) मैसूर13) अरसीकेरे14) दावणगेरे
15) शिमोग टाउन16) मद्दूर
ग) नशीले पदार्थ खिलाने के विरुद्ध अभियान
यात्री जागरूकता अभियान के एक भाग के रूप में शरारती तत्वों द्वारा यात्रियों को नशीले पदार्थ खिलाने के विभिन्न तरीकों के बारे में यात्रियों को सूचना देने एवं यात्रियों में जागरूकता पैदा करने के लिए कन्नड/हिंदी और अंग्रेजी/हिंदी में लेमिनेटेड पैंफलेट यात्रियों में वितरित किए गए हैं।अब इस प्रकार के अपराध में कमी आई है और वर्ष 2004 के चालू वर्ष के दौरान दपरे पर केवल एक मामला दर्ज हुआ है।
घ) यात्री जागरूकता कार्यक्रम
रेसुब/दपरे ने दिसंबर, 2004 में "यात्री जागरूकता कार्यक्रम" का विशेष आयोजन किया है। इसके अलावा गाड़ियों में और प्रारंभिक स्टेशनों के प्लेटफार्मों पर पैंफलेट बांटे गए हैं और रेसुब के कर्मचारियों ने एक संगीत सह नाटक दल तैयार किया है। नशीले पदार्थ खिलाने तथा सुरक्षा संबंधी अन्य मुद्दों पर यात्रियों में जागरूकता पैदा करने के लिए यह दल नुक्कड़ नाटक करते हैं और गाना गाते हैं।
यह कार्यक्रम काफी कारगर सिद्ध हुआ है। नशीले पदार्थ खिलाने के मामले में कमी आई है। अपराध की रोकथाम हेतु अपनाई गई इन सकारात्मक उपायों की सब ने प्रशंसा की है। सवारी डिब्बों में चिपकाने के लिए स्टिकरों का भी व्यवस्था की गई है।
यात्रा के दौरान शरारती तत्वों द्वारा यात्रियों को नशीले पदार्थ खिलाने के तरीकों के बारे में यात्रियों को जानकारी देने के उद्देश्य से कन्नड/हिंदी और हिंदी/अंग्रेजी में द्विभाषी में पैंफलेट तैयार किए गए हैं और नशीले पदार्थ खिलाने के प्रति यात्रियों में जागरूकता पैदा करने के लिए इन पैंफलेटों को बांटा गया है।
ङ) असामाजिक तत्वों पर नियंत्रण
गाड़ियों की एस्कॉर्टिंग कराने, और पहुंच नियंत्रण के गठन के अलावा रेल परिसरों में अतिचार, रेल टिकटों का गैर-कानूनी ढंग से बेचना/खरीदना, उपद्रव मचाने वाले तत्व, गैर-कानूनी विक्रय, छल-कपट से या बिना उचित टिकट के यात्रा करना, महिलाओं के लिए आरक्षित डिब्बों में पुरुषों द्वारा यात्रा, गाड़ियों और रेल परिसरों में धूम्रपान आदि का पता लगाने के लिए विशेष छापे मारे जाते हैं। ऐसे अपराधों में लिप्त जन पकड़ें जाने पर रेलवे अधिनियम के उपबंधों के अधीन मुकदमा चलाया जाता है।
च) यात्रियों से अपील/अनुरोध
यात्रियों की सुरक्षा और दक्षिण पश्चिम रेलवे में यात्रियों के साथ होने वाले अपराध पर नियंत्रण करना एक सतत् प्रयास है। इन प्रयासों को सुदृढ़ करने हेतु यात्रियों की सुरक्षा संबंधी निम्नलिखित बिंदुओं को सूचिबद्ध किया गया है और यात्रा करने वाली जनता को पैंफलेट बांटते हुए और रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली तथा लौडस्पीकर के जरिए घोषणा करते हुए जानकारी दी गई है। इस प्रकार यात्रियों को जागरूक करने से यात्रा करने वाली जनता को संवर्धित सुरक्षा मुहैया करने में आसान हो गया है।
1.कम से कम और उठाने योग्य सामान के साथ यात्रा करें।
2.गाड़ी रवाना होने के कम से कम 15 मिनट पहले प्लेटफार्म पहुंचे।
3.अपना सामान छोड़कर कहीं न जाए।
4.अप्राधिकृत व्यक्तियों से/का रेलवे टिकट न खरीदें/उपयोग न करें/या उनको बेचे
5.अप्राधिकृत फेरीवालों को बढ़ाव न दें।
6.भिखारियों का दान न दें।
7.उचित आरक्षण/टिकट के बिना आरक्षित कोचों में प्रवेश न करें।
8.महिलाओं के लिए विशेष रूप से आरक्षित कोचों में पुरुष यात्री प्रवेश न करें।
9.गाड़ियों की छत और पायदानों पर तथा बफर और इंजन में यात्रा न करें।
10.गाड़ियों में खतरनाक तथा आपत्तिजनक सामान न ले जाएं।
11.रेलवे परिसरों में और गाड़ियों में धूम्रपान न करें।
12.रेलवे परिसरों में और गाड़ियों में मद्यपान न करें।
छ) बम खतरे के बारे में यात्रियों को शिक्षित करना
आतंकवादी हमले और बम खतरे जैसे मौजूदा सुरक्षा मुद्दों ने रेल सुरक्षा बल के सामने नई चुनौती खड़ी की गई है। रेल सुरक्षा बल इन समस्याओं के निपटान में खरा उतरा है और मुख्य स्टेशनों पर तैनात रेसुब के श्वान दल में खोज़ी कुत्ते भी रखे गए हैं, ताकि बम होने के मामले में और देश में मौजूद तनाव के समय में अल्पावधि में इन्हें काम पर लगाया जा सके।
पैंफलेट, यात्री उद्घोषणा प्रणाली और लौउडस्पीकर के जरिए यात्रीगण से अनुरोध किए जाते हैं कि किसी शंकास्पद और लावारिस चीज़ों को हाथ न लगाएं और ऐसे सामान/वस्तु पाए जाने पर तुरंत रेसुब/रारेपु को सूचित करें। दक्षिण पश्चिम रेलवे बम खतरों की घटनाओं से मुक्त है, तथापि कुछ झूठे कॉल प्राप्त हुए हैं, उनका तुरंत निपटान किया गया।