दक्षिण पश्चिम रेलवे, राजभाषा विभाग की गतिविधियों को मुख्यत: निम्नलिखित बिंदुओं में विभाजित किया जा सकता है :-
1. हिंदी भाषा, हिंदी आशुलिपि व टंकण प्रशिक्षण
2. राजभाषा नीति का कार्यान्वयन
3. अनुवाद
1. हिंदी भाषा, हिंदी आशुलिपि व टंकण प्रशिक्षण संबंधी गतिविधियां
भारत सरकार की राजभाषा नीति के अनुसार कार्यालय का सभी कामकाज हिंदी में किया जाना अपेक्षित है । इस नीति के अनुपालन हेतु जिन अधिकारियों व कर्मचारियों को अपेक्षित हिंदी ज्ञान नहीं है, उन्हें राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय की हिंदी शिक्षण योजना की मदद से उनके कार्य की प्रकृति के अनुरूप निर्धारित हिंदी भाषा प्रबोध, प्रवीण व प्राज्ञ प्रशिक्षण दिलाना तथा प्रशिक्षण संबंधी सभी सुविधाएं उपलब्ध करना राजभाषा विभाग का प्रमुख कार्य है । इस उद्देश्य से दक्षिण पश्चिम रेलवे का राजभाषा विभाग, हिंदी शिक्षण योजना, गृह मंत्रालय की मदद से हुबली में हाल ही में एक पूर्णकालिक हिंदी प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया है और इस रेलवे का मुख्य राजभाषा अधिकारी इस केंद्र का सर्वकार्यभारी अधिकारी हैं । इस कार्य के लिए गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग ने हुबली केंद्र पर एक हिंदी प्राध्यापक की नियुक्ति की है ।
इसी प्रकार टंककों, लिपिकों एवं आशुलिपिकों को हिंदी टंकण/आशुलिपि का प्रशिक्षण देने हेतु राजभाषा विभाग, नया क्षेत्रीय कार्यालय भवन, गदग रोड, हुबली में एक अंशकालिक प्रशिक्षण केंद्र खोला गया है ।
2. राजभाषा नीति के कार्यान्वयन संबंधी गतिविधियां
गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग के वार्षिक कार्यक्रम में उल्लिखित कार्यालयीन कामकाज की विभिन्न मदों के लिए निर्धारित प्रतिशत तक हिंदी भाषा का प्रयोग सुनिश्चित करने तथा इस दिशा में उत्तरोत्तर प्रगति सुनिश्चित करने के लिए राजभाषा विभाग निरंतर प्रयासरत है । इसके लिए राजभाषा विभाग निम्नलिखित कार्य करता है :
क) कार्यालयीन कामकाज मूलत: हिंदी में करने के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों को अंग्रेजी-हिंदी शब्दावली, सहायक साहित्य आदि उपलब्ध कराना तथा आवश्यकतानुसार स्थानीय स्तर पर इनका निर्माण करना ।
ख) हिंदी में आलेखन-टिप्पण लिखने का अभ्यास करवाने के लिए अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए हिंदी कार्यशालाएं आयोजित करना तथा कंप्यूटरों पर हिंदी के प्रयोग को बढावा देने के लिए देवनागरी कुंजीयन प्रशिक्षण की व्यवस्था करना ।
ग) राजभाषा हिंदी को बढावा देने एवं इसका प्रचार-प्रसार करने के लिए हिंदी संगोष्टियों, प्रतियोगिताओं व अन्य विशेष कार्यक्रमों जैसे कि हिंदी दिवस/सप्ताह/पखवाडा, हिंदी नाटकों का मंचन आदि का आयोजन करना तथा प्रोत्साहन-पुरस्कार आदि प्रदान कर कर्मचारियों को हिंदी का अधिकाधिक प्रयोग करने हेतु प्रेरित करना ।
घ) राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए हिंदी पत्रिका का प्रकाशन करना तथा अधिकारियों व कर्मचारियों को मौलिक हिंदी लेखन के लिए प्रोत्साहित करना ।
ङ) अधीनस्थ कार्यालयों से प्राप्त आवधिक रिपोर्टें की समीक्षा तथा समय-समय पर कार्यालयों/स्टेशनों का निरीक्षण के द्वारा राजभाषा की प्रगति का जायजा लेना तथा रेलवे बोर्ड को इस संबंध में रिपोर्ट भेजना ।
च) राजभाषा की प्रगति की समीक्षा के लिए विभिन्न स्तर पर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों का गठन करना तथा प्रत्येक तिमाही में इनकी बैठकों का आयोजन सुनिश्चित करना ।
3) अनुवाद कार्य
राजभाषा अधिनियम की धारा 3(3) में उल्लिखित दस्तावेजों का द्विभाषी रूप में जारी किया जाना सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न विभागों से प्राप्त ऐसे कागजातों का हिंदी अनुवाद राजभाषा विभाग द्वारा किया जाता है । सूचना अधिकार से संबंधित हिंदी में प्राप्त पत्रों आदि का अंग्रेजी अनुवाद भी राजभाषा विभाग द्वारा कराया जाता है। इसके अलावा राजभाषा विभाग अपनी ओर से समय-समय पर विभिन्न मानक मसौदों, फार्मों आदि का भी हिंदी अनुवाद करके इनका द्विभाषी रूप विभिन्न विभागों को उपलब्ध कराता है । रेलवे की संसदीय समितियों के निरीक्षण/दौरे के समय उनको सौंपे जाने वाली रिपोर्टों, कागजातों व पुस्तिकाओं का हिंदी पाठ तथा जन संपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित प्रचार-पुस्तिकाओं, बैनरों, आमंत्रण पत्रों, संदेशों आदि का हिंदी पाठ राजभाषा विभाग तैयार करता है।