राजभाषा विभाग
संगठनात्मक चार्ट

अनुवाद , कार्यान्वयन और प्रशिक्षणके तीन मुख्य बिन्दुओं को समाहितकरता हुआ राजभाषाविभागइस प्रकार कार्य करता है –:
मंडल रेल प्रबंधक की अध्यक्षता में राजभाषा विभाग अपने कार्य करता है तथा उन्हीं के दिशा – निर्देश में उल्लेखनीय प्रगति भी प्राप्त करता है । अपर मंडल रेल प्रबंधक यानि अपर मुख्य राजभाषा अधिकारी राजभाषा विभाग के प्रशासनिक प्राधिकारी होते हैं ।
अनुवाद –: धारा 3 (3) के अंतर्गत जारी होने वाले सभी प्रलेखों का शत प्रतिशत अंग्रेजी के साथ साथ हिंदी अर्थात दविभाषी में रूप में जारी किये जाते है ।
इसके अंतर्गत तकनीकी परिपत्र (एस ओ बी ) जो सी एम एस में अपलोड किये जाते हैं,वे भी दविभाषी रूप में उपलब्ध है ।
स्टेशन संचालन नियम:- मैसूरू मंडल के क्षेत्राधिकार में आने वाले सभी स्टेशनों के स्टेशन संचालन नियम अंग्रेजी –हिंदी दविभाषी रूप में संबंधित स्टेशनों पर उपलब्ध है । वर्तमान में कुल94 स्टेशन संचालन नियम हैं ।
फाटक संचालन नियम:- कुल 428 है । जिनमें से यातायात के 64 (मानव सहित )तथा 364 इंजीनियर विभाग के है ( 270 मानव सहित, इंटरलॉक 122 और गैर इंटरलॉक 147 तथा 158 मानव रहित है ) ये भीसंबंधित समपार फाटकों परदविभाषी / त्रिभाषी रूप में उपलब्ध है ।
क्रम संख्या | कार्यालय /स्टेशन का नाम | अध्यक्ष |
I | मंडल कार्यालय | मंडल रेल प्रबंधक |
ii | मैसूरू स्टेशन | स्टेशन प्रबंधक |
iii | कबकपुत्तूर | सहायक मंडल इंजीनियर |
iv | सकलेशपुर | सहायक मंडल इंजीनियर |
v | शिवमोग्गा टाउन | वरिष्ठ मंडल चिकित्सा अधिकारी |
vi | चित्रदुर्ग | वरिष्ठ मंडलइंजीनियर |
vii | हासन | स्टेशन प्रबंधक |
viii | अरसीकेरे | वरिष्ठ मंडलइंजीनियर |
ix | रेलवे अस्पताल,मैसूरू | मुख्य चिकित्सा अधीक्षक |
x | दावणगेरे | वरिष्ठ मंडल चिकित्सा अधिकारी |
xi | हरिहर | वरिष्ठ मंडल चिकित्सा अधिकारी |
xii | मैसूरू नया माल टर्मिनल | वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर |
xiii | कोचिंग डिपो कार्यालय | वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर |
कार्यान्वयन:- मंडल के अंतर्गत कुल 13 राजभाषा कार्यान्वयन समितियों का गठन किया गया है । नियमानुसार प्रति तिमाही संबंधित अध्यक्ष की अध्यक्षता में राजभाषा कार्यान्वयन समितियों की बैठकें आयोजित की जाती हैं,संक्षेप में राजभाषा
कार्यान्वयन समितियां इन स्थानों पर गठित है:-
हिंदी पुस्तकालय:- अधिकारियों और कर्मचारियों में हिंदी का ज्ञानवर्धन , अभिरूचि बनाये रखने के लियेविभिन्न स्टेशनों परहिंदीपुस्तकालय स्थापित किये गये हैं, पुस्तकालय का नामकरण सुप्रसिद्ध साहित्यकारों के नाम पर किया यगा है । पुस्तकालय की देखरेख तथा संचालन के लिये एक पुस्तकपाल भी है जो इन पुस्तकालयों की देखरेख करते हैं । मंडल के मुख्यत इन स्टेशनों पर पुस्तकालय स्थित हैं ।
क्रम संख्या | पुस्तकालय का नाम | स्टेशनका नाम |
I | एस.एल.भैरप्पा पुस्तकालय | मंडल कार्यालय |
ii | रांगेय राघव पुस्तकालय | मैसूरू स्टेशन |
iii | प्रेमचंद पुस्तकालय | अरसीकेरे |
iv | कुवेम्पू पुस्तकालय | हरिहर |
v | दारा बेन्द्रे | शिवमोग्गा टाउन |
vi | हरिवंश राय बच्चन पुस्तकालय | चित्रदुर्ग |
vii | शिवराम कारंत | रेलवे अस्पताल ,मैसूरू |
viii | तुलसीदास | मैसूरू नया माल गोदाम |
वार्षिक कार्यक्रमउपलब्धि :- गृहमंत्रालय दवारा जारी किये गये विभिन्न मदों के लक्ष्य मैसूरू मंडल ने बहुत पहले ही प्राप्त कर लिये हैं ।इन में मुख्यत मूल पत्राचार, हिंदी नोटिंग, अंग्रेजी से हिंदी पत्राचार ,प्रशिक्षण (भाषा,टकंण और आशुलिपि ) आदि प्रमुख है ।
राजभाषा प्रोत्साहन पुरस्कार योजना:- मंडल में सभी प्रकार की राजभाषा प्रोत्साहन पुरस्कार योजनाओं का पूरी तरह से लागू किया गया । समय समय परनये रूप से जारी होने वाली इन योजनाओं का भी प्रचार प्रसार कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच किया जाता है । मंडल तथा स्टेशन के कर्मचारी इनका पूरा लाभ उठाते हैं। मंडल के कर्मचारी का रेल यात्रा वृतांत का प्रथम पुरस्कार प्राप्त हो चुका है ।
कर्मचारी और अधिकारीहिंदी में मौलिक लेखन के लिये भी अपनी पुस्तक लिखते हैं तथा पुरस्कार प्राप्त करते हैं ।
हिंदी में काम करने के लिये भी कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जाता है ।
तकनीकी सेमिनार और सहायक साहित्यकार जयंतियां:- तकनीकी शब्दों को हिंदी में उपयोग में लाये जाने के उद्देश्य से प्रति तिमाहीविभिन्न् विषयों पर तकनीकी सेमिनार मंडल तथा विभिन्न स्टेशनों पर आयोजित किये जाते है । हिंदी साहितयकारों की जयंतियां आयोजित की जाती है ताकिसभी उनके जीवनवृत से परिचित हो तथा लेखन के प्रति जागृत हो ।
गृहपत्रिका तथा अन्य प्रकाशन :- मंडल की गृहपत्रिका रोशनी में अधिकारियों,कर्मचारियों और परिजनों के लेखों का समाहरण करते हुए उसे एक विशेषांक विशेष के रूप मेंप्रकाशित किया जाता है ।
हिंदी मे काम करने में सहायताके लिये सुलभ रूप से उपलब्ध हो सके, ऐसी सामग्रियों को लेकर विभिन्न विषयों पर सहायक साहित्य जारी किये जाते हैं ।
विविध:- मंडल तथा स्टेशनों पर दिनोंदिन राजभाषा प्रगति उन्नति के शिखर पर है । किये गये काम की उपलब्धि के आधार पर अनुभागों को राजभाषा नियम के अनुसार नामित किया जाता है ।