सिगनल एवं दूरसंचार विभाग
सिगनल व्यवस्था
सिगनल व्यवस्था की परिसंपत्तियों की संरक्षा तथा विश्वसनीयता बढ़ाने हेतु सभी स्टेशनों पर प्राथमिकता के आधार पर घिसे-पीटे सिगनल व्यवस्था के गियरों, शेल्फनुमा रिले और जी.आर.एस. 5ई प्वाइंट मशीनों को बदलने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।
सिगनल व्यवस्था में भरोसा सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। इसलिए दक्षिण पश्चिम रेलवे का सिगनल एवं दूरसंचार विभाग ने उच्च स्तर पर उपकरणों की असुरक्षित खराबियों के विश्लेषण कराने के अलावा अनुरक्षण कर्मचारियों के लिए गहन प्रशिक्षण तथा परामर्श देने जैसा कार्यक्रम का आयोजन किया है, ताकि पुनरावृत्ति से बचने के लिए सुधारात्मक कार्रवाई योजना बनाई जा सके।
दूरसंचार
माइक्रोवेवः
दक्षिण पश्चिम रेलवे में बहु-सारणी डिजिटल माइक्रोवेव संचार व्यवस्ता है, जो बेंगलूरु और मैसूर मंडलों में जोलारपेट-बेंगलूरु और बेंगलूरु-मैसूर को हुबली मंडल में धारवाड, वास्को और लोंडा-बेलगाम, मिरज सेक्शनों को जोड़ता है। बेंगलूरु से पेनुकोंडा तक के क्षेत्र में अनालॉग माइक्रोवेव प्रणाली कार्यरत है। माइक्रोवेव नेटवर्क का उपयोग रेलवे के भीतर और दूसरी रेलों के मुख्यालयों, निकटवर्ती मंडलों तथा रेलवे बोर्ड से संपर्क साधने हेतु शब्दों तथा डाटा संचार के लिए किया जा रहा है।
आप्टिकल फाइबर केबिलः
बेंगलूरु-धर्मावरम, बेंगलूरु-मैसूर, हुबली-बल्लारि, बेंगलूरु-तुमकूर-हुबली, बेंगलूरु-व्हाइटफील्ड, मैसूर-हासन, तोरणगल्लु-रंजीतपुरा और बेंगलूरु-सेलम सेक्शनों में कुल 1106 कि.मी. लंबाई के ओ.एफ.सी. की प्रणाली चालू की गई है।
हुबली-लोंडा-मडगांव, सकेलेशपुर-मंगलूर और लोंडा-मिरज सेक्शनों में ओ.एफ.सी. बिछाने संबंधी कार्य चल रहा है।
आकृति ख में दर्शाए अनुसार बेंगलूरु -जोलारपेट, हासन-अससीकेरे सेक्शनों में ओ.एफ.सी. संबंधी कार्य के लिए मंजूरी दे दी गई है।
6 क्वाड केबिलः
बेंगलूरु- धर्मावरम, बेंगलूरु-मैसूर, हुबली-बल्लारि, तोरणगल्लु- रंजीतपुरा, बेंगलूरु-तुमकूर, बेंगलूरु-सेलम सेक्शनों में नियंत्रण, ब्लॉक, समपार फाटक तथा आपात संचार व्यवस्था हेतु 6 क्वाड केबिल संबंधी कार्य पूरा कर दिया गया है।
हुबली-लोंडा-शेडबाल, हुबली-तुमकूर, लोंडा-वास्को और हासन-श्रवणबेलगोला सेक्शनों में कुल 1993 आर.कि.मी. तक 6 क्वाड केबिल संबंधी कार्य पूरा कर दिया गया है।
मैसूर-हासन, सकलेशपुर-मंगलूर, बिरूर-शिमोगा, लोंडा-मिरज और व्हाइटफील्ड-जोलारपेट सेक्शनों में 6 क्वाड केबिल संबंधी कार्य चल रहा है।
प्रारंभिक कार्य योजना 2007-08 में बेंगलूरु-व्हाइटफील्ड व देवनहल्लि और होसपेट-तोरणगल्लु सेक्शनों में 6 क्वाड संबंधी कार्य के प्रस्ताव हैं। इसी प्रकार जी.सी. संबंधी कार्यो में सत्य साई प्रशांतिनिलयम-धर्मावरम सेक्शन में, मैसूर से चामराजपेट और शिमोगा से तालगुप्पा तक सेक्शनों में ओ.एफ.सी. संबंधी कार्य के प्रस्ताव हैं।
एस.टी.डी. सुविधा के लिए ई-1 सर्किटः
ज़ोनल मुख्यालय/हुबली को मंडल मुख्यालयों से अर्थात् बेंगलूरु और मैसूर को ई-1 सर्किटों (30 चैनल) से जोड़ा गया है। एस.टी.डी. सुविधा के लिए हुबली को ई-1 के साथ सिकंदराबाद, चेन्नै, गुंतकल, मुंबई और रेलवे बोर्ड के साथ जोड़ा गया है। एस.टी.डी के जरिए भारत के किसी भी स्थान पर संपर्क साधा जा सकता है। टैक्स (टी.ए.एक्स.) एक्सचेंज हुबली में स्थापित किया गया है और एकसमान नंबरिंग योजना लागू की गई है। एस.टी.डी. कोड के बिना रेलों के भीतर मुख्य एक्सचेंज और सेटलाइट एक्सचेंज सहित सभी एक्सचेंजों को सीधी डायलिंग से संपर्क किया जा सकता है।
टेलीफोन एक्सचेंजः
अब द.प.रेलवे के सभी एक्सचेंज, मुख्य एक्सचेंज – 27 एवं इंटरकॉम एक्सचेंज -13 इलेक्ट्रानिक एक्सचेंज हो गए हैं। इसमें मंडल मुख्यालय अर्थात् बेंगलूरु, मैसूर और हुबली में लगे मुख्य इलेक्ट्रानिक एक्सचेंज भी शामिल हैं। सभी मंडल एक्सचेंजों को एक-दूसरे से जोड़ने वाले सर्किटों के साथ भी सीधी एस.टी.डी. सुविधा की व्यवस्था की गई है।
रेलवे स्वामित्व के आर.ई. तथा 6 क्वाड केबिलों और ओ.एफ.सी. केबिलों के जरिए गाड़ी यातायात नियंत्रण संचार की व्यवस्था की गई है। बी.एस.एन.एल. और रेलवे स्वामित्व के शिरोपरि लाइनों को बदलने का कार्य भी तेज़ गति से चल रहा है।
इस रेलवे के प्रमुख स्टेशनों पर स्वचालित उद्घोषणा प्रणाली की व्यवस्था की गई है।
इस रेलवे के 36 स्टेशनों पर सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली की व्यवस्था की गई है।
कुल 268 स्टेशनों में से 261 स्टेशनों पर बी.एस.एन.एल. टेलीफोन की व्यवस्था की गई है।
जिन स्टेशनों पर ओ.एफ.सी. प्रणाली चालू की गई है, उन स्टेशनों पर रेलवे ऑटो टेलीफोन की व्यवस्था की गई है। आज की तारीख तक कुल 145 रेलवे ऑटो टेलीफोन की व्यवस्था की गई है।
कॉल केंद्रः
आर.सी.आई.एल. के सहयोग से एक कॉल केंद्र की स्थापना की गई है। कर्नाटक के किसी भी स्थान से 139 नंबर को डायल कर आरक्षण, गाड़ी के समय, चलती गाड़ी की अनुसूची, किराया संरचना आदि सहित गाड़ी संबंधी पूछताछ की जा सकती है। कर्नाटक के किसी भी कोने से 139 नंबर को डायल कर स्थानीय दर पर इस सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है।
बेंगलूरु छावनी, यशवंतपुर, बंगारपेट और कृष्णराजपुरम स्टेशनों पर कोच मार्गदर्शक प्रणाली शुरू की गई है।
सेटलाइट फोनः
दुर्घटना आदि के दौरान आपात् संचार व्यवस्था स्थापित करने हेतु हुबली (2 अदद), बेंगलूरु (3 अदद) और मैसूर (3 अदद) मंडल और मुख्यालय के केंद्रीय नियंत्रण की दुर्घटना राहत गाड़ियों (ए.आर.टी.) में सेटलाइट फोनों की व्यवस्था की गई है।
सेलुलर फोनः
समय पर संचार स्थापित करने के उद्देश्य से सी.यू.जी. (संवृत उपयोगकर्ता समूह) सुविधा के साथ मुख्यालय में जे.ए. ग्रेड अधिकारियों तक और मंडलों में वरिष्ठ वेतनमान के शाखा अधिकारियों तक सेलुलर फोन मुहैया कराया गया है।
द.प.रेलवे में सभी गाड़ियों के सभी लोको पायलटों तथा गार्डों को वाकी-टाकी दी गई है और सभी स्टेशनों में 25 वैट की वाकी-टाकी की व्यवस्था की गई है, ताकि लोको पायलट और गार्ड किसी भी समय पर स्टेशन मास्टर से संपर्क कर सकें। स्टेशनों में उपलब्ध कराए गए 25 वैट की वाकी-टाकी का उपयोग उसके चैनलों को बदलते हुए अनुरक्षण/सुरक्षा कर्मचारियों से संपर्क करने के लिए भी किया जा सकता है।
नियंत्रण कार्यालय का ध्वनि अभिलेखनः
हुबली, बेंगलूरु और मैसूर मंडलों में नियंत्रण कार्यालय के ध्वनि अभिलेखन की व्यवस्था की गई है।
द.प.रेलवे में पी.आर.एस. यू.टी.एस. फॉइस (एफ.ओ.आई.एस.) कोइस (सी.ओ.आई.एस.), गाड़ी नियंत्रण चार्टिंग, कर्मिदल प्रबंधन प्रणाली और एम.आई.एस. नेटवर्कों की स्थापना की गई है।
रेलनेटः
द.प.रेलवे में रेलनेट की स्थापना की गई है। हुबली से रेलवे बोर्ड के साथ सीधा संपर्क (2 एमबीपीएस) प्रारंभ किया गया है। हुबली से बेंगलूरु और मैसूर मंडल के मुख्यालय, बेंगलूरु-रेपका/यलहंका और बेंगलूरु-मुप्रधि/बें.छा. को 2 एमबीपीए के जरिए जोड़ा गया है। हुबली कारखाना में रेलनेट संपर्क चालू किया गया है। मुख्यालय और मंडलों में सभी शाखा अधिकारियों को रेलनेट तथा इंटरनेट से जोड़ा गया है। इंटरनेट संपर्क हेतु हुबली में बी.एस.एन.एल. से पट्टे पर 2 एमबीपीएस की लाइन ली गई है और इसमें मंडलों तथा कारखानों को भी शामिल किया गया है।
वेब पृष्ठः
द.प.रेलवे के टेंडर तथा लोक सूचना अपलोड करने के लिए www.southwesternrailwayके यू.आर.एल. के साथ वी.एस.एन.एल. सर्वर पर दक्षिण पश्चिम रेलवे का वेब पृष्ठ प्रारंभ किया गया है।
हॉट लाइनः
रेलवे बोर्ड (सी.आर.बी.) से आपदा प्रबंधन कक्ष, हुबली के बीच आपदा प्रबंधन संचार व्यवस्था हेतु हॉट लाइन चालू की गई है।
संस्तुतियों का कार्यान्वयन
आपदा प्रबंधन पर उच्च स्तर समिति द्वारा दी गई सिफारिशों को पूरी तरह लागू किया गया है।
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